कहानी जब शुरू होगी, जमाने की बंदिशों से
हमें मालूम है कि, जीत कर भी हम ही हारेंगे
कहेंगे कुछ नहीं अपने जुबा से, तुम मगर सोचो
जो दिल में आग है उसको, कब तक हम टालेंगे ।
लिखेंगे एक नई तस्वीर, कहानी हम नई देंगे
ज़माना जो नकारेगा, तो बंदिशे तोड़ भी देंगे
जिंदगी आस है तो आस को एक आस देना है
हमें अपने पसंदों को, बड़ी उड़ान देगे ।
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Writer:_
प्रीति
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